सहकर्मी समीक्षा दिशानिर्देश

समयबद्धता: समीक्षकों को दी गई समय सीमा (आमतौर पर 2-3 सप्ताह) के भीतर अपनी समीक्षा पूरी करने का लक्ष्य रखना चाहिए। यदि अतिरिक्त समय की आवश्यकता है, तो समीक्षकों को यथाशीघ्र संपादक को सूचित करना चाहिए।

गोपनीयता: सहकर्मी समीक्षा प्रक्रिया गोपनीय है, और समीक्षकों को पांडुलिपि या इसके बारे में कोई जानकारी समीक्षा प्रक्रिया के बाहर किसी के साथ साझा नहीं करनी चाहिए।
हितों का टकराव: समीक्षकों को हितों के किसी भी संभावित टकराव का खुलासा करना चाहिए, जैसे कि लेखक(लेखकों) या प्रतिस्पर्धी हितों के साथ व्यक्तिगत या व्यावसायिक संबंध।
वस्तुनिष्ठता: समीक्षकों को व्यक्तिगत मान्यताओं या पूर्वाग्रहों की परवाह किए बिना, पांडुलिपि का मूल्यांकन निष्पक्ष रूप से और इसकी वैज्ञानिक योग्यता के आधार पर करना चाहिए।
संपूर्णता: समीक्षकों को पांडुलिपि को सावधानीपूर्वक पढ़ना चाहिए और अनुसंधान प्रश्न, कार्यप्रणाली, डेटा विश्लेषण और निष्कर्ष सहित सभी पहलुओं की गहन समीक्षा प्रदान करनी चाहिए।
रचनात्मक प्रतिक्रिया: समीक्षकों को पांडुलिपि में सुधार करने में लेखकों की मदद करने के लिए रचनात्मक प्रतिक्रिया प्रदान करनी चाहिए, जिसमें संशोधन या अतिरिक्त विश्लेषण के सुझाव शामिल हैं।
नैतिक चिंताएँ: समीक्षकों को किसी भी नैतिक चिंताओं, जैसे साहित्यिक चोरी या डेटा निर्माण, को संपादक को रिपोर्ट करना चाहिए।
स्पष्टता: समीक्षकों को संशोधन या स्वीकृति के लिए विशिष्ट टिप्पणियों और सिफारिशों के साथ एक स्पष्ट और संक्षिप्त समीक्षा रिपोर्ट प्रदान करनी चाहिए।
संचार: समीक्षकों को समीक्षा प्रक्रिया के दौरान कोई प्रश्न या चिंता होने पर संपादक से संवाद करना चाहिए।
व्यावसायिकता: समीक्षकों को अपनी समीक्षा में एक पेशेवर और सम्मानजनक स्वर बनाए रखना चाहिए और व्यक्तिगत हमलों या अपमानजनक टिप्पणियों से बचना चाहिए।

कुल मिलाकर, सहकर्मी समीक्षा प्रक्रिया नैदानिक मनोविज्ञान अनुसंधान की गुणवत्ता और वैज्ञानिक अखंडता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन दिशानिर्देशों का पालन करके, समीक्षक लेखकों को बहुमूल्य प्रतिक्रिया प्रदान कर सकते हैं और नैदानिक मनोविज्ञान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।